मैं सुबह की सेहरी जैसा हूँ | शायरी | shayari | avim

मै सुबह की सेहरी जैसा हूँ
                          तुम इफ्तार सी इंतज़ार हो   




मै सुबह की सेहरी जैसा हूँ
तुम इफ्तार सी इंतज़ार हो

मै गुब्बारे में भरी हवा... 
तुम नोक दार एक सुई हो

मैं केहता फिर रहा हूँ लोगो 
से वो चाँद मुबारक हो तुम

यही हो तुम, कहाँ नही हो तुम 
यही है क़ुर्बत् मुझ मे रही हो तुम

तुम सर से पाओं तक सजी हूर हो
मैं नीचे से उपर तक एक लकीर हूँ

तुम मेरे मन की एक बात हो
मैं तुमसे बातें करते रेहता हूँ 

आँखों मे बसा खूबसूरत चेहरा हो
तुम्हे याद कर रहा मै एक दर्द हूँ



~ Avim

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